गजब मझौली इंडियन बैंक में 2 खाताधारक मगर दोनों का खाता संख्या एक 12 सालों से चल रहा है लेन-देन


 

गजब मझौली इंडियन बैंक में 2 खाताधारक मगर दोनों का खाता संख्या एक 12 सालों से चल रहा है लेन-देन




मामला सीधी जिले के मझौली स्थित इलाहाबाद बैंक जो अब इंडियन बैंक में बदल गया है यहां पर इंडियन बैंक में अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई है बैंक ने एक जैसे नाम वाले दो व्यक्तियों का एक ही खाता खोल दिया गया था दोनों व्यक्ति 12 साल से अधिक समय से अलग-अलग उस खाते में रकम जमा करते और निकालते आ रहे हैं लेकिन बैंक अधिकारी उसे आज तक पकड़ नहीं पाए दोनों खाताधारकों ने भी इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया मामला 2 अगस्त को खुला जब एक व्यक्ति के खाते में तेंदूपत्ता की राशि डाली गई और दूसरे के बेटे द्वारा राशि डाली गई तब तक तेंदूपत्ता की राशि पाने वाले राजू साहू पिता मनोहर साहू निवासी ग्राम पंचायत धनौली बैंक गया और अपने खाते से ₹15000 निकाल कर घर चला गया  उसके बाद दूसरा राजू साहू पिता दद्दी साहू बैंक पहुंच कर अपना खाता चेक करवाता है तो हैरान रह रह जाता है की मेरा पैसा कौन निकल ले गया तब जाकर बैक अधिकारियों की नीद खुली और आनन-फानन में 2 दिन बाद बैंक का कर्मचारी उसके राजू साहू के घर पहुंचता है और कहता है कि आप गलत खाते से पैसा निकाल कर लाये है जो कि आपको वापस करने पड़ेंगे तब यह जानकारी मीडिया को लगी तो मेरे संवाददाता द्वारा बैंक जाकर इसकी विधिवत जानकारी ली गई जिससे यह पता चला राजू साहू नाम के दो व्यक्ति हैं और दोनों को खाता संख्या एक ही है जिस पर बैंक अधिकारी रवि कांत पांडे द्वारा यह कहा गया की गलतियां सबसे हो जाती हैं हो गई होंगी उसको सुधारा जाएगा आप पैसा जमा करवा दीजिए तब संवाददाताओं द्वारा कहा गया की यह खाता आज से 12 साल पहले का खुला हुआ है अगर अभी का होता तो कोई बात नहीं पर 12 सालों में किसी भी अधिकारी या बैंक के उच्च अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी जिसका खामियाजा आज दोनों खाताधारक भुगत रहे हैं इसके बाद मीडिया द्वारा जब पासबुक की फोटो लेनी चाही गई तो बैंक मैनेजर  रवि कांत पांडे द्वारा राजू साहू की एक फोटो निकाल ली गई पासबुक से तब राजू साहू रोने लगा और कहने लगा कि मेरी फोटो कहां चली गई मैंने तो फोटो सहित जमा किया था तब बैंक मैनेजर द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए यह कहा गया की मैं फोटो चिपकाए देता हूं एक बार क्षमा करें इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कहीं ना कहीं बैंक के मैनेजर और अधिकारी इसमें सम्मिलित हैं ताज्जुब इस बात का हुआ की शाखा प्रबंधक रविकांत पांडे द्वारा आधार कार्ड परिचय पत्र और पासबुक जबरन रखवा लिया गया था जिसको वापस दिलवाया गया रवि कांत पांडे द्वारा यह भी कह गया इसमें मेरा कुछ नहीं होने वाला है जिसको जो करना हो कर लो यहां तक कि राजू साहू को स्टेटमेंट तक नहीं दिया गया यह कहकर लौटा दिया गया दूसरे खातेदारों को भी बुला कर लाओ तब स्टेटमेंट देंगे अन्यथा नहीं देंगे इससे यह स्पष्ट होता है कि बैंक में अधिकारी नहीं बाहुबली और दादा लोग बैठते हैं जिनके इशारे पर गरीबों के साथ अन्याय और अत्याचार किया जा रहा है जिस की सुध लेने वाला कोई नहीं वही बैंक अधिकारी रवि कांत पांडे द्वारा मैटर को सुलझाया जाता है उलझाया नहीं जाता पति का पैसा इनका आया है फिर तो इनको ही मिलेगा पर हम खाते को जस्टिफाइड कर लेंगे इसके बाद ही पैसा खाते में पुनः वापस डलवा आएंगे और खाते को होल्ड लगा देंगे जबकि रवि कांत पांडे द्वारा ही कहा गया दो व्यक्ति के एक खाते नहीं हो सकते हैं पासबुक भले ही एक है पर खाता संख्या अलग-अलग होंगे पर वह दूसरे का खाता नंबर तक नहीं बता सके बताते भी कैसे क्योंकि दोनों राजू साहू के एक ही खाता नंबर है और एक ही में लेनदेन चल रहा है




इनका कहना है 

मेरे बैक खाता की संख्या 

मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं  पासबुक आधार कार्ड परिचय पत्र जमा करा लिया गया था जब मैंने पासबुक मांगा तो  मेरे खाते के साथ छेड़खानी कर दी गई 50071649223 के जगह में 50071649233पेन से  कर दिया गया         राजूसाहू पिता दद्दी साहू धनौली 





इनका कहना है मैं अपने खाते से बैंक की पर्ची भरकर ₹15000 निकाले थे जोकि दूसरे दिन बैंक के कर्मचारी मेरे घर गए और बोले कि वह पैसा जो आप लाए हो वह पैसा किसी और का है वह पैसा आपको वापस करना पड़ेगा और जब मैं बैंक गया तो मेरी पासबुक आधार कार्ड परिचय पत्र जमा करा लिया गया और मेरे पास बुक से मेरी फोटो निकाल दी गई थी जो कि मेरे रोने चिल्लाने पर पुनः लगा दी गई थी  मेरा खाता नंबर 50071649223है